देश में लोकसभा के पांचवें चरण के चुनाव के लिये मतदान आज गुरूवार को होने जा रहा है। लेकिन चुनावों में उतरे वोट मांगू नेताओं और राजनैतिक पार्टियों ने इन चुनावों को कीचड़ उछालों महाअभियान में परिणित कर दिया है। उमा भारती अपने विरोधी दल के नेताओं को जेल भिजवाने की चेतावनी देती हैं तो दूसरे भगवाधारी बाबा रामदेव सोनिया गांधी को पीहर या जेल भिजवाने के बारे में ढिंढोरा पीट रहे हैं। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी प्रियंका गांधी पर शराब पीने का आरोप लगा रहे हैं और वाड्रा को जेल भिजवाने का खम ठोक रहे हैं। उधर झाडूवाले लाइव झालू लेकर घूम रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि भ्रष्टाचारियों का उनकी झाडू पूरी तरह सफाया कर देगी।
शर्मनाक स्थिति यह है कि कोई भी पार्टी या राजनेता आम अवाम से जुड़ी समस्याओं और अपनी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वादों पर अपनी जुबां नहीं खोल रहा है। सब एक दूसरे पर कीचड़ उछालने, एक दूसरे की छीछालेदर करने में व्यस्त हैं। शायद उनका सोच है कि एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में अव्वल रहने वाले ही संसद में पहुंचेंगे!
अवाम मायूस एक तरफ खड़ा तमाशा देख रहा है कि जिस संसद को आम आदमी की तरक्की और हिफाजत की जुम्मेदारी अवाम ने दी है, उस संसद में जाने के लिये लोग एक दूसरे की निजी जिंदगी की बखिया तो उधेड़ रहे हैं, लेकिन अवाम के हितों को अक्षुण्ण रखने के लिये वे क्या करेंगे? इस पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। करें भी तो कैसे? उन्हें वोटर की गर्दन पर चढ़ कर संसद तक ही तो जाना है। फिर जाये अवाम भाड़ में, उन्हें अवाम से क्या लेनादेनाभाजपा देश को हिन्दुओं की मुठ्ठी में रखना चाहती है! वहीं राजनेता निरंकुश शासक बनना चाहते हैं।
शर्मनाक स्थिति यह है कि कोई भी पार्टी या राजनेता आम अवाम से जुड़ी समस्याओं और अपनी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वादों पर अपनी जुबां नहीं खोल रहा है। सब एक दूसरे पर कीचड़ उछालने, एक दूसरे की छीछालेदर करने में व्यस्त हैं। शायद उनका सोच है कि एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में अव्वल रहने वाले ही संसद में पहुंचेंगे!
अवाम मायूस एक तरफ खड़ा तमाशा देख रहा है कि जिस संसद को आम आदमी की तरक्की और हिफाजत की जुम्मेदारी अवाम ने दी है, उस संसद में जाने के लिये लोग एक दूसरे की निजी जिंदगी की बखिया तो उधेड़ रहे हैं, लेकिन अवाम के हितों को अक्षुण्ण रखने के लिये वे क्या करेंगे? इस पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। करें भी तो कैसे? उन्हें वोटर की गर्दन पर चढ़ कर संसद तक ही तो जाना है। फिर जाये अवाम भाड़ में, उन्हें अवाम से क्या लेनादेनाभाजपा देश को हिन्दुओं की मुठ्ठी में रखना चाहती है! वहीं राजनेता निरंकुश शासक बनना चाहते हैं।