ऑब्जेक्ट साप्ताहिक ***** प्रत्येक गुरूवार को प्रकाशित एवं प्रसारित ***** सटीक राजनैतिक विश्लेषण, लोकहित के समाचार, जनसंघर्ष का प्रहरी

श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ का विशेष अधिवेशन आगामी 20 अप्रेल को!

जयपुर (ओएनएस) स्थानीय श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वर्ष 2013-15 हेतु गठित साधारण सभा की अभी तक पहली बैठक भी नहीं हुई और संविधान के प्रावधानों के खिलाफ साधारण सभा का विशेष अभियान मात्र गत साधारण सभा की कार्यवाही के अनुमोदन और मालपुरा में जमीन खरीदने के लिये चर्चा हेतु बुलाया गया है। आखीर क्यों?
संघ के संघमंत्री अनुप पारख द्वारा अध्यक्ष कुशलचंद सुराना की सहमति से प्रसारित आवश्यक सूचना में संघ संविधान की धारा 10 (ख) के अन्तर्गत बुलाये गये साधरण सभा के विशेष अधिवेशन हेतु विचारणीय दो विषय रखे गये हैं। पहला विषय है, गत साधारण सभा की कार्यवाही की पुष्टि करना और दूसरा विषय है, मालपुरा में वर्तमान परिसर के पासवाली जमीन खरीदने से सम्बन्धित!
संघ से जुड़े सूत्र बताते हैं कि संवैधानिक प्रावधानों और राजस्थान सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1958 एवं तत्सम्बन्धी प्रावधानों के अनुसरण में संघमंत्री द्वारा बुलाये गये इस विशेष अधिवेशन का कोई औचित्य ही नहीं है। क्योंकि नवगठित साधारण सभा का पहला पूर्ण अधिवेशन विधान की धारा-9 की अनुपालना में धारा 10 (क) के तहत आज तक बुलाया ही नहीं गया है। साथ ही इस विशेष अधिवेशन को आहूत करने के लिये आवश्यक वैधानिक एवं प्रशासनिक प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया है।
सूत्रों के अनुसार आम साधारण सभा की कार्यवाही की पुष्टि संघ विधान की धारा-9 के तहत कार्य निष्पादन हेतु धारा 10(क) के तहत बुलाई गई साधारण सभा की बैठक में ही की जा सकती है। संघ विधान की धारा 10(ख) और 10(ग) के तहत बुलाये गये विशेष अधिवेशन में साधारण सभा के अधिवेशन ही कार्यवाही की पुष्टि नहीं हो सकती है।
सवाल यह भी उठता है कि मालपुरा में खरीदी जाने वाली जमीन का मामला क्या वाकई गम्भीर मसला है, जिस पर तत्काल फैसला साधारण सभा को लिया जाना अवश्यक है? अगर ऐसा था तो विशेष अधिवेशन तीन दिने के नोटिस पर ही बुलाया जाना चाहिये था। क्यों एक सप्ताह का नोटिस दिया गया? इससे साफ जाहिर होता है कि यह मामला ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है!
सवाल यह भी उठता है कि जब एक सप्ताह के नोटिस पर साधारण सभा का विशेष अधिवेशन बुलाया जा सकता है तो फिर 11 दिवस का नोटिस देकर क्यों नहीं साधारण सभा की बैठक बुलाई जा सकती है। मात्र तीन दिन के अन्तराल से अगर साधारण सभा की रेग्यूलर बैठक हो जाती तो कौन सा कहर बरप जाता!
एक अहम सवाल यह भी उठता है कि पूर्व 2013-15 के लिये संघ साधारण सभा का गठन किया गया है और उसका पहला अधिवेशन भी अभी तक नहीं हुआ है। वहीं स्थापित नियमों के तहत अगर पिछली कार्यकारिणी की कार्यवाही की सम्पुष्टि नहीं होती है तो समस्त कार्यवाही पुन: साधारण सभा में नये सिरे से पेश कर पुष्ट कराना आवश्यक है।
संघ के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि विशेष साधारण सभा के अधिवेशन में पेश किये जाने वाले ऐजेण्डे में लिये गये विषय मालपुरा में वर्तमान परिसर के पास वाली जमीन खरीदने बाबत जिस बिन्दू पर साधारण सभा के इस विषेष अधिवेशन में विचार कर निर्णय लिया जाना है, उस बिन्दू पर संघ कार्यकारिणी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया बताया जाता है। ऐसी स्थिति में यह बिन्दु साधारण सभा के विशेष अधिवेशन में रखने योग्य ही नहीं है।
एक अन्य चौंकाने वाले तथ्य की चर्चा भी आम अवाम में है कि इस जमीन की खरीद के पेटे मोटी धनराशि का भुगतान विक्रेता को किया जा चुका बताया जाता है। अगर ऐसा है, तो यह गम्भीर आपत्तिजनक मुद्दा बन सकता है।
इस ही के साथ उपरोक्त जमीन खरीदने के लिये एक वैधानिक अडचन भी है। श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, राजस्थान सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1958 के तहत पंजीकृत संस्था है और यह संस्था सिर्फ जयपुर जिले में ही अपनी गतिविधियां संचालित कर सकती है और अन्य जिलों में अपनी गतिविधियां संचालित करने के लिये अधिकृत नहीं है।
ऐसी स्थिति में भ्रष्ट और रिश्वतखोर अफसरों और कारिंदों की मिलीभगत से अगर गैरकानूनी कार्य किये जायेंगे तो इसके परिणाम गम्भीर हो सकते हैं। वैसे भी श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के पंजीकृत विधान में घोषित संघ के 21 उद्देश्यों से भी यह कार्यवाही मेल नहीं खाती है और वैसे भी संघ के उद्देश्यों की अवमानना भी गैर कानूनी है।
अब देखना यह है कि साधारण सभा के इस विशेष अधिवेशन में क्या फैसले होते हैं?

OBJECT WEEKLY TOOLBAR

 
मुख्‍य पृष्‍ठ | सरदारशहर संस्‍करण | जयपुर संस्‍करण | राज्‍य समाचार | देश समाचार | विडियो | विज्ञापन दर | सम्‍पर्क