जयपुर (ओएनएस) जयपुर नगर निगम क्षेत्र में चुनाव आचार संहिता की आड़ में धडल्ले से अवैध और गैर कानूनी बिना इजाजत तामीर/अवैध निर्माणों का बोलबाला है। धडल्ले से अवैध निर्माण किये जा रहे हैं और जयपुर नगर निगम के अफसर और कारिंदे हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं जैसे कि उन्होंने चूडियां पहन रखी हों!
ऑब्जेक्ट ने अपने पिछले अंक में जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व की उस हकीकत को साया किया था, जिसमें गरीब की थडी तो उजाड दी, लेकिन असरदार बिल्डरों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई और उस गैर कानूनी अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवाही नहीं करने के लिये फाइल ही दफ्तर के रेकार्ड से इधर-उधर कर दी गई।
जयपुर नगर निगम से जुड़े सूत्र बताते हैं कि नगर निगम जयपुर के हवामहल जोन पूर्व के पुरानी कोतवाली का रास्ता और मनीराम जी की कोठी के रास्ते के कार्नर पर मकान नम्बर 4255 में सरकारी जमीन पर कब्जे, प्राइवेट जमीन पर कब्जे और वाटर हार्वेस्टिंग की आड़ में गैर कानूनी तरीके से बोरवैल खोद कर उसका पानी अवैध रूप से बनाये जा रहे कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के निर्माण में लिये जाने की शिकायत मिलने पर इस मकान की फाइल नदारत कर दी गई। इस अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के निर्माण के मामले में अब तक 19 लाख रूपये के नजराने की मोटे लेनदेन के बारे में भी सूत्र बताते हैं।
ऑब्जेक्ट को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूचना का अधिकार कानून के तहत भवन और इसके आसपास के भवनों की जानकारी प्राप्त करने के लिये जो आवेदन पत्र गत 07 अक्टूबर, 2013 तक नगर निगम जयपुर की हवामहल जोन पूर्व के दफ्तर में दिया गया था, वह गत 14 अक्टूबर तक दफ्तर में ही इधर से उधर घूमता रहा। लेकिन रेकार्ड कीपर जाहिद अली सिद्दकी और जोन की भवन निर्माण शाखा के अफसर और कर्मचारी लेने से कतरा रहे हैं और निर्माणकर्ता पर जल्द से जल्द निर्माण पूरा करने का दबाव बना रहे बताया जाता है।
ज्ञातव्य रहे कि की गत सप्ताह ही ऑब्जेक्ट ने इस भवन म्युनिसिपल संख्या 4255 में बनाये जा रहे अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के बारे में विस्तार से तथ्य उजागर किये थे। लेकिन नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह सारे प्रकरण में हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठे हैं? यह अवाम की समझ के परे है!
ऑल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी कामरेड हीराचंद जैन ने नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह से सीधा सवाल किया है कि राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद आचार संहिता के उलंघन के साथ-साथ, राजस्थान राजपत्र विशेषांक दिनांक 01 फरवरी, 2013, राज्य के नगरीय विकास, आवास एवं स्वायत्त शासन विभाग के परिपत्र क्रमांक प.10 (54) नविवि/3/2005 पार्ट दिनांक 13 जून, 2012 तथा इससे पूर्ववर्ती समसंख्यांक पत्र दिनांक 22 फरवरी 2009, 16 अप्रेल, 2010, 25 फरवरी, 2011 व 6 जून, 2011 तथा राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 1958 की धारा 194 व 245 का साफ-साफ उलंघन कर बनाये जा रहे इन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के खिलाफ स्थापित नियमों के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है।
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 1958 की धारा 245 में यह भी स्पष्ट प्रावधान है कि गैर कानूनी निर्माण में संलिप्त पाये जाने वाले नगर निगम के अफसर या कर्मचारी पर कम से कम तीस हजार रूपये का जुर्माना और तीन साल तक के कारावास का प्रावधान भी है।
उधर जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व में ही भवन म्युनिसिपल संख्या 4269 में अवैध निर्माण प्रगति पर है। भवन संख्या 2135-2136, लूणावत मार्केट, भवन संख्या 2494 मारूजी का चौक, 297 से 302 घाटगेट बाजार, भवन म्युनिसिपल संख्या 3826 (ए-1) धनराज महल के पीछे, मनीराम जी की कोठी का रास्ता स्थित भवन संख्या 4009-4011, केजीबी का रास्ता स्थित भवन संख्या 3873, म्युनिसिपल भवन संख्या 3934-35 मनीराम की कोठी का रास्ता तथा रामगंज बाजार के धाबाईजी के खुरे सहित अन्य कई अवैध निर्मार्णों पर कार्यवाही हेतु फाइलों पर आदेश हो चुके हैं, लेकिन अब कार्यवाही इस लिये नहीं हो पा रही है कि रेकार्ड से फाइलें ही इधर-उधर कर दी गई है।
नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त बतायें कि स्थापित कानूनों और राज्य सरकार के स्पष्ट आदेशों के बावजूद क्यों अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो रही है?
ऑब्जेक्ट ने अपने पिछले अंक में जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व की उस हकीकत को साया किया था, जिसमें गरीब की थडी तो उजाड दी, लेकिन असरदार बिल्डरों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई और उस गैर कानूनी अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवाही नहीं करने के लिये फाइल ही दफ्तर के रेकार्ड से इधर-उधर कर दी गई।
जयपुर नगर निगम से जुड़े सूत्र बताते हैं कि नगर निगम जयपुर के हवामहल जोन पूर्व के पुरानी कोतवाली का रास्ता और मनीराम जी की कोठी के रास्ते के कार्नर पर मकान नम्बर 4255 में सरकारी जमीन पर कब्जे, प्राइवेट जमीन पर कब्जे और वाटर हार्वेस्टिंग की आड़ में गैर कानूनी तरीके से बोरवैल खोद कर उसका पानी अवैध रूप से बनाये जा रहे कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के निर्माण में लिये जाने की शिकायत मिलने पर इस मकान की फाइल नदारत कर दी गई। इस अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के निर्माण के मामले में अब तक 19 लाख रूपये के नजराने की मोटे लेनदेन के बारे में भी सूत्र बताते हैं।
ऑब्जेक्ट को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूचना का अधिकार कानून के तहत भवन और इसके आसपास के भवनों की जानकारी प्राप्त करने के लिये जो आवेदन पत्र गत 07 अक्टूबर, 2013 तक नगर निगम जयपुर की हवामहल जोन पूर्व के दफ्तर में दिया गया था, वह गत 14 अक्टूबर तक दफ्तर में ही इधर से उधर घूमता रहा। लेकिन रेकार्ड कीपर जाहिद अली सिद्दकी और जोन की भवन निर्माण शाखा के अफसर और कर्मचारी लेने से कतरा रहे हैं और निर्माणकर्ता पर जल्द से जल्द निर्माण पूरा करने का दबाव बना रहे बताया जाता है।
ज्ञातव्य रहे कि की गत सप्ताह ही ऑब्जेक्ट ने इस भवन म्युनिसिपल संख्या 4255 में बनाये जा रहे अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के बारे में विस्तार से तथ्य उजागर किये थे। लेकिन नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह सारे प्रकरण में हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठे हैं? यह अवाम की समझ के परे है!
ऑल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी कामरेड हीराचंद जैन ने नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह से सीधा सवाल किया है कि राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद आचार संहिता के उलंघन के साथ-साथ, राजस्थान राजपत्र विशेषांक दिनांक 01 फरवरी, 2013, राज्य के नगरीय विकास, आवास एवं स्वायत्त शासन विभाग के परिपत्र क्रमांक प.10 (54) नविवि/3/2005 पार्ट दिनांक 13 जून, 2012 तथा इससे पूर्ववर्ती समसंख्यांक पत्र दिनांक 22 फरवरी 2009, 16 अप्रेल, 2010, 25 फरवरी, 2011 व 6 जून, 2011 तथा राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 1958 की धारा 194 व 245 का साफ-साफ उलंघन कर बनाये जा रहे इन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के खिलाफ स्थापित नियमों के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है।
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 1958 की धारा 245 में यह भी स्पष्ट प्रावधान है कि गैर कानूनी निर्माण में संलिप्त पाये जाने वाले नगर निगम के अफसर या कर्मचारी पर कम से कम तीस हजार रूपये का जुर्माना और तीन साल तक के कारावास का प्रावधान भी है।
उधर जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व में ही भवन म्युनिसिपल संख्या 4269 में अवैध निर्माण प्रगति पर है। भवन संख्या 2135-2136, लूणावत मार्केट, भवन संख्या 2494 मारूजी का चौक, 297 से 302 घाटगेट बाजार, भवन म्युनिसिपल संख्या 3826 (ए-1) धनराज महल के पीछे, मनीराम जी की कोठी का रास्ता स्थित भवन संख्या 4009-4011, केजीबी का रास्ता स्थित भवन संख्या 3873, म्युनिसिपल भवन संख्या 3934-35 मनीराम की कोठी का रास्ता तथा रामगंज बाजार के धाबाईजी के खुरे सहित अन्य कई अवैध निर्मार्णों पर कार्यवाही हेतु फाइलों पर आदेश हो चुके हैं, लेकिन अब कार्यवाही इस लिये नहीं हो पा रही है कि रेकार्ड से फाइलें ही इधर-उधर कर दी गई है।
नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त बतायें कि स्थापित कानूनों और राज्य सरकार के स्पष्ट आदेशों के बावजूद क्यों अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो रही है?





