जयपुर (ओएनएस) स्थानीय श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के कुर्सी चिपकू नेताओं ने आधी अधूरी मतदाता सूचियों के सहारे संघ के चुनाव पिछले 22 दिसम्बर, 2013 को करवा लिये थे। खरतरगच्छ जन चेतना मंच ने पिछले दिनों संघ की सदस्यता सूची, 2013 (वोटर लिस्ट) की जब विस्तार से पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। इस सदस्यता सूची में उल्लेखित सदस्यों में से भारी संख्या में सदस्यों के पते गलत तरीके से अंकित किये गये हैं। ज्यादातर संघ सदस्यों के टेलीफोन एवं मोबाईल नम्बर या तो हैं ही नहीं और अगर सदस्यता सूची में अंकित हैं भी तो अधिकांश गलत हैं।
पिछले संघ चुनावों के वक्त खरतरगच्छ जन चेतना मंच ने जब सदस्यता सूची (वोटर लिस्ट-2013) में उल्लेखित सदस्यों के टेलीफोन एवं मोबाईल नम्बरों पर सम्पर्क करने का प्रयास किया था, तब आधे से ज्यादा नम्बर सही नहीं थे। तब यह कहा गया था कि सदस्यों के टेलीफोन और मोबाईल नम्बरों को अद्यतन नहीं किया जा सका है। दु:खद स्थिति यह रही कि सदस्यता सूची-2013 में आजीवन सदस्यों में से काफी तादाद में सदस्यों के पते भी गलत या फिर अधूरे लिखे गये थे, जिसके कारण संघ चुनावों में अभ्यर्थियों का मतदाताओं से सम्पर्क नहीं हो पाया था।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के चुनावों के बाद चुनिंदा पदाधिकारियों ने मौखिक रूप से इन पंक्तियों के लेखक को बताया था कि सदस्यता सूची में रही खामियों को दुरूस्त करने के लिये एक कमेटी का गठन किया जा रहा है, जो विस्तार से खामियों की तह में जाकर उन्हें दुरूस्त करेगी।
अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसी किसी कमेटी का गठन किया गया है? क्या इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई कार्यवाही हो रही है? अगर नहीं तो क्यों? ओर क्या कोई कार्यवाही करने की संघ कार्यकारिणी में इच्छा शक्ति है?
खरतरगच्छ संघ की साधारण सभा की बैठकों और अधिवेशन में समाज बंधुओं की उपस्थिति कम रहने के पीछे के कारणों में से यह भी एक कारण है और उम्मीद है कि वर्तमान संघ कार्यकारिणी इस मुद्दे को संजीदगी से लेकर इस पर कार्यवाही करेगी। देखना यह है कि मौजूदा कार्यकारिणी इस मुद्दे पर अपनी कितनी सक्रियता दर्शाती है!
पिछले संघ चुनावों के वक्त खरतरगच्छ जन चेतना मंच ने जब सदस्यता सूची (वोटर लिस्ट-2013) में उल्लेखित सदस्यों के टेलीफोन एवं मोबाईल नम्बरों पर सम्पर्क करने का प्रयास किया था, तब आधे से ज्यादा नम्बर सही नहीं थे। तब यह कहा गया था कि सदस्यों के टेलीफोन और मोबाईल नम्बरों को अद्यतन नहीं किया जा सका है। दु:खद स्थिति यह रही कि सदस्यता सूची-2013 में आजीवन सदस्यों में से काफी तादाद में सदस्यों के पते भी गलत या फिर अधूरे लिखे गये थे, जिसके कारण संघ चुनावों में अभ्यर्थियों का मतदाताओं से सम्पर्क नहीं हो पाया था।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के चुनावों के बाद चुनिंदा पदाधिकारियों ने मौखिक रूप से इन पंक्तियों के लेखक को बताया था कि सदस्यता सूची में रही खामियों को दुरूस्त करने के लिये एक कमेटी का गठन किया जा रहा है, जो विस्तार से खामियों की तह में जाकर उन्हें दुरूस्त करेगी।
अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसी किसी कमेटी का गठन किया गया है? क्या इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई कार्यवाही हो रही है? अगर नहीं तो क्यों? ओर क्या कोई कार्यवाही करने की संघ कार्यकारिणी में इच्छा शक्ति है?
खरतरगच्छ संघ की साधारण सभा की बैठकों और अधिवेशन में समाज बंधुओं की उपस्थिति कम रहने के पीछे के कारणों में से यह भी एक कारण है और उम्मीद है कि वर्तमान संघ कार्यकारिणी इस मुद्दे को संजीदगी से लेकर इस पर कार्यवाही करेगी। देखना यह है कि मौजूदा कार्यकारिणी इस मुद्दे पर अपनी कितनी सक्रियता दर्शाती है!