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जैन समुदाय को अल्पसंख्यक के संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिये आदेश जारी करे वसुन्धरा राजे सरकार!

जयपुर (ओएनएस) राजस्थान में भाजपा की वसुन्धरा राजे सरकार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के दबाव में आकर जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का संवैधानिक दर्जा मिलने के बावजूद उन्हें अल्पसंख्यक का प्रमाण पत्र देने में हील हवाला कर रही है।
अल्पसंख्यक मामलात विभाग के प्रमुख शासन सचिव जी.एस.संधु ने पिछले दिनों बताया था कि केंद्र से जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने सम्बन्धि नोटिफिकेशन प्राप्त हो गया है और उस पर प्रशासनिक स्तर से कार्यवाही की जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार से नोटिफिकेशन की कापी मिलने के एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी राज्य के अल्पसंख्यक मामलात विभाग ने अभी तक जिला कलक्टरों को जैन समुदाय को अल्पसंख्यकता का प्रमाण पत्र जारी करने के लिये कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किये हैं। यही नहीं जैन समुदाय की शिक्षण संस्थाओं को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था का प्रमाण पत्र भी राज्य का अल्पसंख्यक मामलात विभाग जारी नहीं कर रहा है।
एक तरफ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गलतियों के लिये अल्पसंख्यकों से माफी मांगने की बात कर रहे हैं वहीं राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी के हवाले से जैन समुदाय पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पहिले भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरलीमनोहर जोशी भी जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का संवैधानिक दर्जा मिलने से कसमसाये हुये हैं। उधर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी जैन समुदाय के साधु-संतों के पास जाकर उन्हें मना रहे हैं कि वे केंद्र सरकार द्वारा जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का संवैधानिक दर्जा देने के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन का विरोध करें। लेकिन उनकी दाल नहीं गल रही है। वहीं संघ सहकार्यवाह भैयाजी जोशी यह तो मानते हैं कि दिगम्बर जैन समुदाय अल्पसंख्यकता के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन से पूर्णत: सहमत है। लेकिन जैन श्वेताम्बर समुदाय के स्थानकवासी और तेरापंथ समुदाय में दो फाड़ हैं।
खरतरगच्छ जन चेतना मंच के प्रमुख कार्यकारी कार्यकर्ता और ऑल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी कामरेड हीराचंद जैन ने बताया कि जो शर्मनाक स्थिति राष्ट्रीय स्वंससेवक संघ के  प्रमुख मोहन भागवत और सहकार्यवाह भय्याजी जोशी के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के टापब्रास पैदा कर रहे हैं वह अत्यन्त गैर जुम्मेदारान एवं वैमनस्यता फैलाने वाली है। अगर उन्होंने अपनी कट्टर हिन्दुत्ववादी गैर जुम्मेदारान हरकतों पर विराम नहीं लगाया तो देश में नये सिरे से आरएसएस पर पाबंदी की मांग उठा सकती है।
उन्होंने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे जिनके पास राज्य के अल्पसंख्यक मामलात विभाग का प्रभार भी है, से स्पष्ट मांग की है कि जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का संवैधानिक दर्जा दिये जाने के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन की पालना के क्रम में आवश्यक दिशा निर्देश एवं आदेश तत्काल जारी किये जायें ताकि आम जैन समुदाय अल्पसंख्यक के रूप में अपने अधिकार प्राप्त कर सके।

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