जयपुर (ओएनएस) जयपुर नगर निगम के अन्तर्गत आनेवाला चार दिवारी क्षेत्र जयपुर नगर निगम और विद्युत वितरण निगम के अफसरों की भ्रष्ट करतूतों के चलते हादसों के मुहाने के कारण बर्बादी के कागार पर खड़ा है।
जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व और हवामहल जोन पश्चिम में लगभग 150 से ज्यादा बिना इजाजत तामीर अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स बने हुए हैं और इनमें व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही है। गैर कानूनी रूप से बिना इजाजत तामीर लिये हुए बनाये गये अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों में बिना लगभग 8 हजार से ज्यादा दुकानों और शोरूमों को राजस्थान विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने भी बिना अधिवास प्रमाण पत्र और बिना फायर एनओसी जारी हुए ही विद्युत कनेक्शन दे दिया है। हालात ये हैं कि इन आवासीय क्षेत्रों में बिना इजाजत बने इन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों में अधिकांश में ट्रांसफारमर भी लगाये गये हैं। ये अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स जयपुर महानगर की छोटी-छोटी गलियों में संचालित हैं और इन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों का जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व एवं हवामहल जोन पश्चिम के दफ्तरों में कोई रेकार्ड भी उपलब्ध नहीं है। अगर कोई हादसा हो जाये तो तंग गलियों में बने इन कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों में आग बुझाने के लिये फायर ब्रिगेड के टेण्डर भी नहीं जा सकते हैं। यही नहीं आग बुझाने के लिये इन अवैध काम्प्लेक्सों में अग्रिशमन उपकरण भी नहीं लगे हैं।
जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व और हवामहल जोन पश्चिम में लगभग 150 से ज्यादा बिना इजाजत तामीर अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स बने हुए हैं और इनमें व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही है। गैर कानूनी रूप से बिना इजाजत तामीर लिये हुए बनाये गये अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों में बिना लगभग 8 हजार से ज्यादा दुकानों और शोरूमों को राजस्थान विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने भी बिना अधिवास प्रमाण पत्र और बिना फायर एनओसी जारी हुए ही विद्युत कनेक्शन दे दिया है। हालात ये हैं कि इन आवासीय क्षेत्रों में बिना इजाजत बने इन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों में अधिकांश में ट्रांसफारमर भी लगाये गये हैं। ये अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स जयपुर महानगर की छोटी-छोटी गलियों में संचालित हैं और इन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों का जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व एवं हवामहल जोन पश्चिम के दफ्तरों में कोई रेकार्ड भी उपलब्ध नहीं है। अगर कोई हादसा हो जाये तो तंग गलियों में बने इन कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों में आग बुझाने के लिये फायर ब्रिगेड के टेण्डर भी नहीं जा सकते हैं। यही नहीं आग बुझाने के लिये इन अवैध काम्प्लेक्सों में अग्रिशमन उपकरण भी नहीं लगे हैं।
ऑल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक के राजस्थान स्टेट जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने यहां बताया कि सूचना का अधिकार कानून के तहत दी गई जानकारी में खुद जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने माना है कि उनके जोन में वे 28 बिना इजाजत गैर कानूनी रूप से बनाये गये अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स शामिल हैं, जिनमें से 25 अवैध निर्माणों को नगर निगम के जोन आयुक्त ने सील कर दिया था, लेकिन बाद में ऊंची पहुंच ओर मोटी रिश्वत के चलते इनकी सील खोल दी गई और इनके खिलाफ आगे कार्यवाही रोक दी गई। नतीजन भू-माफिया और बिल्डरों ने इनमें अवैध निर्माण कर गैर कानूनी तरीके से बिजली के कनेक्शन प्राप्त कर लिये।
फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी कामरेड़ हीराचंद जैन ने आगे बताया कि हवामहल जोन पश्चिम के अन्तर्ग प्लाट नम्बर 14, फिल्म कॉलोनी, दूनी हाऊस में गैर कानूनी और बिना इजाजत तामीर बनाये गये अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स में बिना अधिवास प्रमाण पत्र और बिना फायर एनओसी के विद्युत वितरण निगम ने कॉमर्शियल विद्युत कनेक्शन जारी कर दिया है।
फारवर्ड ब्लाक का स्पष्ट आरोप है कि बिना अधिवास प्रमाण पत्र और फायर एनओसी जारी हुए राजस्थान राज्य विद्युत वितरण निगम द्वारा इन कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों में विद्युत कनेक्शन जारी करने के पीछे विद्युतकर्मियों और इंजीनियरों का एक काकस काम कर रहा है। फारवर्ड ब्लाक ने राज्य की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, ऊर्जा मंत्री और राजस्थान राज्य विद्युत वितरण निगम के अध्यक्ष से कहा है कि वे साफ करें कि जयपुर नगर निगम के चार दिवारी क्षेत्र में गैर कानूनी अवैध रूप से बने कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों को बिना अधिवास प्रमाण पत्र और बिना फायर एनओसी किस आधार पर और किन आदेशों के तहत कॉमर्शियल विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं?