नई दिल्ली/जयपुर (ओएनएस) जयपुर नगर निगम में बेशर्म भ्रष्टाचारी मक्कारियों की लगता है पूरी बारात ही जमा हो गई है। पहिले शोर मचाया जा रहा था कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की रहनुमा मेयर ज्योति खण्डेलवाल के अडग़ों के चलते नगर निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था चौपट है। लेकिन राज्य में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत के साथ अवतरित हुई भाजपा की वसुन्धरा राजे सरकार के राज में भी जयपुर नगर निगम के वही हाल हैं जैसे होते हैं ढाक के तीन पात! बड़ा शोर मचा था, नगर निगम क्षेत्र में सफाई को लेकर! डिप्टी मेयर मनीष पारीक नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगरूप सिंह यादव को लेकर निकले थे सफाई व्यवस्था सुधारने के लिये। लेकिन सार्वजनिक एवं धार्मिक सम्पत्तियों पर कब्जा जमाने वालों से हनुमानजी के प्रसाद के नाम पर लड्डू का भोग लगाने वाले डिप्टी मेयर साहब वापस जा घुसे अपने दड़बे में! क्योंकि अगर नगर निगम के चार दीवारी क्षेत्र में सफाई करवाने की नौटंकी की तो भ्रष्टाचारी इन डिप्टी मेयर साहब का भी पत्ता साफ करवा देंगे। ठीक उसी तरह जिस तरह सार्वजनिक सम्पत्तियों पर धर्म की आड़ में कब्जा जमाने वालों से हनुमानजी के प्रसाद की आड़ में लड्डू भेंट में लेने वाले अशोक गहलोत साहब का पाटिया साफ हो गया।
डिप्टी मेयर मनीष पारीक, सीईओ जगरूप सिंह यादव, हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह और उनके अमले को इन दिनों मिल कर लड्डू, मलाई चाटने से शायद फुर्सत नहीं मिल रही है।
इसकी हकीकत इस समाचार के साथ साया फोटोग्राफ्स बयां करते हैं! पारीक जी अगर आप में थोडी इंसानियत है तो नगर निगम के हुक्कामों और कारिंदों की रहनुमाई में हवामहल जोन पूर्व के वार्ड नम्बर 52, और 59 में सफाई के बद्हाल और गैर कानूनी बिना इजाजत तामीरात के हालात का मुआयना तो करलो! मनीराम की कोठी और कुंदीगर भैंरू के रास्ते में जिन क्षेत्रों का हम बयां कर रहे हैं वहां गंदगी, सड़कों पर अस्थायी अतिक्रमण, बिना इजाजत गैर कानूनी अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के निर्माण अपने चरम पर हैं। अवैध गैर कानूनी कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये आयुक्त सतर्कता, जयपुर नगर निगम मुख्यालय से हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त को लिखा है। अपने पत्र/नोटशीट में नगर निगम के आयुक्त सतर्कता ने लगभग 15 अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों की सूची भी दी है। जयपुर नगर निगम के वार्ड 52 और 59 क्षेत्र में श्री वीर बालिका कॉलेज, श्री वीर बालिका स्कूल, वीर सावरकर सी.सै.स्कूल, आचार्य भिक्षु पब्लिक स्कूल, घाटगेट बालिका सी.सै.स्कूल सहित अन्य स्कूलों के हजारों बच्चों के आने-जाने के मार्ग में गंदगी के ढेर, आवारा पशुओं, निर्माण सामग्री ओर सड़क पर अवैध अतिक्रमणों ने इन रास्तों पर पैदल चलने वालों का जीना हराम कर दिया है। शर्मनाक स्थिति यह भी है कि अवैध रूप से बनाये गये कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के व्यापारियों और ग्राहकों के वाहनों की पार्किंग भी पैदल चलने वाले मार्गों पर होती है और अगर कोई आपत्ति करता है तो व्यापारी उनसे झगडऩे पर उतारू हो जाते हैं।
नगर निगम की मेयर, डिप्टी मेयर, सीईओ जगरूप सिंह यादव, हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह की हिम्मत भी नहीं है कि वे इस इलाके में आयें। क्योंकि अगर वे अवाम को बताकर आते हैं तो क्षेत्र की दु:खी जनता उनके लत्ते लेने के लिये तैयार बैठी है। वहीं नोटों की गड्डियां लेकर करवाये गये अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स उनके चेहरे पर कालिख पोतने के लिये अपना सर उठाये इन्हें शर्मसार कर रहे हैं।
आवारा पशुओं के सींगों से बचते, कुत्तों के काटने के डर, वैल्डिंग की चिंगारियों से सहमें, बेतरतीब ट्रेफिक की टक्कर की चिंता लिये स्कूली बच्चे, मंदिरों में जाने वाले श्रद्धालू खुदा, गॉड़, परवरदिगार, भगवान, ईश्वर, परमेश्वर को जपते-जपते खरामा-खरामा अपनी मंजिल तक सही सलामत पहुंच पाते हैं। लेकिन जयपुर नगर निगम में भ्रष्ट, बेईमान अफसर अपनी पूरी मक्कारी नोटों के बंडल जुटाने में लगाये रहते हैं। इन्हें न इंसानियत से सरोकार है और न ही नैतिकता से! इन्हें तो सरोकार है सिर्फ रिश्वत के नोटों से।
अब मेयर ज्योति खण्डेलवाल, डिप्टी मेयर मनीष पारीक, उनकी पार्षदों की जमात और भ्रष्ट नगर निगम के अफसरों और कारिंदों की फौज यह तो बता ही सकती है कि उनके घरों में भी मां, बहन, बेटियां, बच्चे और बुजुर्ग रहते ही हैं और उन्हें कोई दु:ख तकलीफ होती है तो इन्हें कैसा लगता होगा?
हुजूरों अब तो जागो, शर्म करो और अवाम की पीड़ा को समझो और उन्हें दूर करो! अगर अब भी नहीं चेते तो अवाम तुम्हें माफ नहीं करेगा!
डिप्टी मेयर मनीष पारीक, सीईओ जगरूप सिंह यादव, हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह और उनके अमले को इन दिनों मिल कर लड्डू, मलाई चाटने से शायद फुर्सत नहीं मिल रही है।
इसकी हकीकत इस समाचार के साथ साया फोटोग्राफ्स बयां करते हैं! पारीक जी अगर आप में थोडी इंसानियत है तो नगर निगम के हुक्कामों और कारिंदों की रहनुमाई में हवामहल जोन पूर्व के वार्ड नम्बर 52, और 59 में सफाई के बद्हाल और गैर कानूनी बिना इजाजत तामीरात के हालात का मुआयना तो करलो! मनीराम की कोठी और कुंदीगर भैंरू के रास्ते में जिन क्षेत्रों का हम बयां कर रहे हैं वहां गंदगी, सड़कों पर अस्थायी अतिक्रमण, बिना इजाजत गैर कानूनी अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के निर्माण अपने चरम पर हैं। अवैध गैर कानूनी कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये आयुक्त सतर्कता, जयपुर नगर निगम मुख्यालय से हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त को लिखा है। अपने पत्र/नोटशीट में नगर निगम के आयुक्त सतर्कता ने लगभग 15 अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों की सूची भी दी है। जयपुर नगर निगम के वार्ड 52 और 59 क्षेत्र में श्री वीर बालिका कॉलेज, श्री वीर बालिका स्कूल, वीर सावरकर सी.सै.स्कूल, आचार्य भिक्षु पब्लिक स्कूल, घाटगेट बालिका सी.सै.स्कूल सहित अन्य स्कूलों के हजारों बच्चों के आने-जाने के मार्ग में गंदगी के ढेर, आवारा पशुओं, निर्माण सामग्री ओर सड़क पर अवैध अतिक्रमणों ने इन रास्तों पर पैदल चलने वालों का जीना हराम कर दिया है। शर्मनाक स्थिति यह भी है कि अवैध रूप से बनाये गये कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के व्यापारियों और ग्राहकों के वाहनों की पार्किंग भी पैदल चलने वाले मार्गों पर होती है और अगर कोई आपत्ति करता है तो व्यापारी उनसे झगडऩे पर उतारू हो जाते हैं।
नगर निगम की मेयर, डिप्टी मेयर, सीईओ जगरूप सिंह यादव, हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त इंद्रजीत सिंह की हिम्मत भी नहीं है कि वे इस इलाके में आयें। क्योंकि अगर वे अवाम को बताकर आते हैं तो क्षेत्र की दु:खी जनता उनके लत्ते लेने के लिये तैयार बैठी है। वहीं नोटों की गड्डियां लेकर करवाये गये अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स उनके चेहरे पर कालिख पोतने के लिये अपना सर उठाये इन्हें शर्मसार कर रहे हैं।
आवारा पशुओं के सींगों से बचते, कुत्तों के काटने के डर, वैल्डिंग की चिंगारियों से सहमें, बेतरतीब ट्रेफिक की टक्कर की चिंता लिये स्कूली बच्चे, मंदिरों में जाने वाले श्रद्धालू खुदा, गॉड़, परवरदिगार, भगवान, ईश्वर, परमेश्वर को जपते-जपते खरामा-खरामा अपनी मंजिल तक सही सलामत पहुंच पाते हैं। लेकिन जयपुर नगर निगम में भ्रष्ट, बेईमान अफसर अपनी पूरी मक्कारी नोटों के बंडल जुटाने में लगाये रहते हैं। इन्हें न इंसानियत से सरोकार है और न ही नैतिकता से! इन्हें तो सरोकार है सिर्फ रिश्वत के नोटों से।
अब मेयर ज्योति खण्डेलवाल, डिप्टी मेयर मनीष पारीक, उनकी पार्षदों की जमात और भ्रष्ट नगर निगम के अफसरों और कारिंदों की फौज यह तो बता ही सकती है कि उनके घरों में भी मां, बहन, बेटियां, बच्चे और बुजुर्ग रहते ही हैं और उन्हें कोई दु:ख तकलीफ होती है तो इन्हें कैसा लगता होगा?
हुजूरों अब तो जागो, शर्म करो और अवाम की पीड़ा को समझो और उन्हें दूर करो! अगर अब भी नहीं चेते तो अवाम तुम्हें माफ नहीं करेगा!





