जयपुर (ओएनएस) जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त, सहायक अभियन्ता और कनिष्ठ अभियन्ता तथा जोन के अन्य कारिन्दों का बिना इजाजत अवैध निर्माण एवं सरकारी सम्पत्ति पर अतिक्रमण करने में सहयोग करने का एक चौंकाने वाला वाकया सामने आया है।
जयपुर नगर निगम से जुड़े सूत्रों के अनुसार अवधेश खूंटेटा और अभिषेक खूंटेटा ने म्युनिसिपल मकान नम्बर 150, हल्दियों का रास्ता, जौंहरी बाजार, जयपुर में आवासीय निर्माण के लिये जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व से स्वीकृति चाही थी। गत 21 मार्च, 2013 को नगर निगम की एम्पावर्ड कमेटी ने केवल आवासीय प्रयोजनार्थ स्वीकृति देने का निर्णय लिया और भूखण्ड स्वामी के नक्क्षे पार कर दिये। जिस पर हवामहल जोन पूर्व के कनिष्ठ अभियन्ता, सहायक अभियन्ता और आयुक्त के हस्ताक्षर हैं।
आवासीय भवन निर्माण की स्वीकृति की आड़ में भवन मालिक ने भवन म्यूनिसिपल संख्या 150, हल्दियों का रास्ता, चौकडी घाटगेट में, नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त और उनके अधीनस्थ अफसरों और कारिन्दों के साथ तालमेल और चांदी की चमक के जरिये पहिले तो भवन के पीछे की सरकारी गली की जमीन पर अतिक्रमण किया और फिर जो निर्माण उसके द्वारा करवाया जा रहा है वह भी स्वीकृत नक्क्षों के विपरीत करवाया जा रह है।
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा-194 एवं सम्बद्ध धाराओं के अनुसार नगर निगम के कनिष्ठ अभियन्ता और उसके अधिनस्थ कारिन्दों की यह जुम्मेदारी बनती है कि उक्त धारा के तहत दी गई निर्माण स्वीकृति के तहत निर्माणाधीन भवन का वे नगर निगम द्वारा दी गई निर्माण स्वीकृति के अनुसार निर्माण हो रहा है, उस पर निगरानी रखें और नियम विरूद्ध हो रहे निर्माण पर तत्काल धारा-194 में उल्लेखित तरीके से कार्यवाही करें।
लेकिन कनिष्ठ अभियन्ता (भवन) और इसके अधिनस्थ अहलकारों ने उक्त भवन संख्या 150, हल्दियों का रास्ता, चौकडी घाटगेट में हो रहे नियम विरूद्ध और इजाजत तामीर का उलंघन कर बनाये जा रहे गैर कानूनी निर्माण पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की है और भवन मालिक चांदी के जूते पर हवामहल जोन पूर्व के अफसरों और कारिंदों के साथ मिलीभगत कर गैर कानूनी निर्माण कर रहा है। लेकिन ऐसा लगता है कि हुक्काम सन्नीपात में जकड़े-अकड़े पड़े हैं।
हम अगले अंक में इस प्रकरण में विस्तार से लिखेंगे और नगर निगम के ऊपरी कमाई पूतों पर भी विस्तार से समाचार साया करेंगे।
जयपुर नगर निगम से जुड़े सूत्रों के अनुसार अवधेश खूंटेटा और अभिषेक खूंटेटा ने म्युनिसिपल मकान नम्बर 150, हल्दियों का रास्ता, जौंहरी बाजार, जयपुर में आवासीय निर्माण के लिये जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व से स्वीकृति चाही थी। गत 21 मार्च, 2013 को नगर निगम की एम्पावर्ड कमेटी ने केवल आवासीय प्रयोजनार्थ स्वीकृति देने का निर्णय लिया और भूखण्ड स्वामी के नक्क्षे पार कर दिये। जिस पर हवामहल जोन पूर्व के कनिष्ठ अभियन्ता, सहायक अभियन्ता और आयुक्त के हस्ताक्षर हैं।
आवासीय भवन निर्माण की स्वीकृति की आड़ में भवन मालिक ने भवन म्यूनिसिपल संख्या 150, हल्दियों का रास्ता, चौकडी घाटगेट में, नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त और उनके अधीनस्थ अफसरों और कारिन्दों के साथ तालमेल और चांदी की चमक के जरिये पहिले तो भवन के पीछे की सरकारी गली की जमीन पर अतिक्रमण किया और फिर जो निर्माण उसके द्वारा करवाया जा रहा है वह भी स्वीकृत नक्क्षों के विपरीत करवाया जा रह है।
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा-194 एवं सम्बद्ध धाराओं के अनुसार नगर निगम के कनिष्ठ अभियन्ता और उसके अधिनस्थ कारिन्दों की यह जुम्मेदारी बनती है कि उक्त धारा के तहत दी गई निर्माण स्वीकृति के तहत निर्माणाधीन भवन का वे नगर निगम द्वारा दी गई निर्माण स्वीकृति के अनुसार निर्माण हो रहा है, उस पर निगरानी रखें और नियम विरूद्ध हो रहे निर्माण पर तत्काल धारा-194 में उल्लेखित तरीके से कार्यवाही करें।
लेकिन कनिष्ठ अभियन्ता (भवन) और इसके अधिनस्थ अहलकारों ने उक्त भवन संख्या 150, हल्दियों का रास्ता, चौकडी घाटगेट में हो रहे नियम विरूद्ध और इजाजत तामीर का उलंघन कर बनाये जा रहे गैर कानूनी निर्माण पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की है और भवन मालिक चांदी के जूते पर हवामहल जोन पूर्व के अफसरों और कारिंदों के साथ मिलीभगत कर गैर कानूनी निर्माण कर रहा है। लेकिन ऐसा लगता है कि हुक्काम सन्नीपात में जकड़े-अकड़े पड़े हैं।
हम अगले अंक में इस प्रकरण में विस्तार से लिखेंगे और नगर निगम के ऊपरी कमाई पूतों पर भी विस्तार से समाचार साया करेंगे।





